राष्ट्रीय शर्करा संस्थान में आपका स्वागत है सर्वप्रथम वर्ष 1920 मे भारत सरकार द्वारा नियुक्त भारतीय शर्करा समिति ने शर्करा निर्माण के क्षेत्र मे अनुसंधान के लिए एक अखिल भारतीय संस्थान की स्थापना हेतु सिफ़ारिश की थी, इस विषय पर वर्ष 1928 मे गठित रॉयल कृषि आयोग एवं वर्ष 1930 मे गठित टैरिफ बोर्ड ने भी एक केन्द्रीय शर्करा अनुसंधान संस्थान की स्थापना की आवश्यता पर बल दिया।
संस्थान तकनीक, अभियांत्रिकी और विज्ञान के क्षेत्र में विभिन्न पाठ्यक्रम संचालित करता है जिसके लिए प्रमाणपत्र, परास्नातक डिप्लोमा एवं फ़ेलोशिप की उपाधि प्रदान की जाती है। यह संस्थान अनुसंधान के क्षेत्र में अन्य विश्वविद्यालय की संबद्धता से डाक्टरेट की उपाधि भी प्रदान करता है। संस्थान में प्रतिभावान शिक्षण संकाय सदस्यों की नियुक्ति संघ लोक सेवा आयोग एवं कर्मचारी चयन आयोग की मदद से की जाती है। संस्थान में देश भर के प्रतिभावान छात्रों का नामांकन ऑनलाइन चयन प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है।